राजस्थान के खनिज और ऊर्जा संसाधन | Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल)
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राजस्थान के खनिज और ऊर्जा संसाधन
Rajasthan Geography (राजस्थान का भूगोल)
राजस्थान के खनिज
खनिज का वर्गीकरण
A. धात्विक खनिज
- लोह खनिज
- लोहा
- मैंगनीज
- अलोह खनिज
- तांबा
- सीसा
- जस्ता
- चांदी
- टंगस्टन
- सोना
B. अधात्विक खनिज
- तामड़ा
- जास्पर
- जिप्सम
- रॉक फॉस्फेट
- अभ्रक
- हीरा
- पन्ना
- पाइराइट
- फेल्सपार
- फ्लोराइट
- संगमरमर
C. आणविक खनिज
- यूरेनियम
- बेरिलियम
- लिथियम
- थोरियम
D. ऊर्जा संसाधन
- कोयला
- पेट्रोलियम
- प्राकृतिक गैस
प्रमुख धात्विक खनिज
- लोहा
- मैग्नेटाइट
- हेमेटाइट
- लिमोनाइट
- सीडेराइट
लोहे की प्रमुख खान
- मोरिजा बानोला (जयपुर) - अधिकतम लोहे का उत्पादन
- नीमला राइसेला (दोसा)
- डाबला सिंघाना (झुंझुनू)
- नाथरा की पाल (उदयपुर)
- थुरहुंडे (उदयपुर)
प्रमुख बिंदु
- भूगर्भ में सर्वाधिक मात्रा में लोह अयस्क पाया जाता है
- पृथ्वी पर सियाल पाया जाता है
- मैंगनीज
- औद्योगिक इकाइयों की आधारशिला
प्रमुख खान
- लिलवाना और तलवाड़ा (बांसवाड़ा)
- नगेडिया (राजसमंद)
- तांबा
- मानव ने सबसे पहले तांबे का प्रयोग शुरू किया
प्रमुख खान
- खेतड़ी, झुंझुनू (गणेश्वर सभ्यता यही मिली - कांतली नदी के किनारे)
- खो दरीबा, अलवर
- पुर बनेड़ा, भीलवाड़ा
- बन्ने वालों की ढाणी, सीकर
- मीरा का नांगल क्षेत्र, सीकर
तांबे में मुख्य अयस्क कॉपर पायराटिज होता है
- सीसा-जस्ता
- जुड़वा खनिज के नाम से प्रसिद्ध
प्रमुख खान
- जावर माइंस, उदयपुर (इसकी खोज 1384 में राणा लाखा के समय हुई)
- राजपुर दरीबा, राजसमंद
रामपुर अंगुचा, भीलवाड़ा
चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर
- टंगस्टन
- प्रमुख अयस्क - बुलफ्रेमाइड अयस्क
प्रमुख खान
- डेगाना भाकरी, नागौर
- रेवत की पहाड़ी नागौर
- वाल्दा, सिरोही
- नाना कबाब क्षेत्र, पाली
- आबू रेवदर, सिरोही
उपयोग
बल्ब बनाने में इसका उपयोग किया जाता है
- सोना
- शुद्ध अवस्था में मिलता है
- शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है
- सोने में तांबे की अशुद्धि मिलाई जाती है
प्रमुख आणविक खनिज
- यूरेनियम
- उमरडा, उदयपुर
- बेरिलियम
- बांदर सिंदरी, अजमेर
- गुर्जरवाडा, जयपुर
- लिथियम
- राजगढ़, अजमेर
- ओरियम
- भद्रावत, पाली
प्रमुख ऊर्जा संसाधन
- कोयला
कोयला चार प्रकार का होता है
- एंथ्रेसाइट
- बिटुमिनस
- लिग्नाइट
- पीट
प्रमुख खान
- पलाना, बीकानेर (एशिया की सबसे बड़ी खान)
- गुड्डा, बीकानेर
- बरसिंगसर, बीकानेर
- कपूरडी, बाड़मेर
- गिरल, बाड़मेर
- भाद्रका, बाड़मेर
- पेट्रोलियम पदार्थ
प्रमुख क्षेत्र
- जैसलमेर
- बाड़मेर सांचौर
- बीकानेर नागौर
- विंध्य कगार क्षेत्र
प्रमुख कुँए
- मंगला
- राघोश्वरी
- ऐश्वर्या
- सरस्वती
- भाग्यम
- शक्ति
- पेट्रोलियम संग्रहालय - राघोश्वरी
प्राकृतिक गैस
- जैसलमेर तथा बीकानेर - शाहगढ़ सब्र बेसिन
- मनहर टिंबा
- तनोट, जैसलमेर
- डांडे वाला क्षेत्र, जैसलमेर
- बागे वाला क्षेत्र, बीकानेर
अधात्विक खनिज
- तामड़ा
- गार्नेट अथवा रक्तमणि
- लोह ऑक्साइड की अधिकता
- राजमहल, टोंक और सरवाड़, अजमेर का एकाधिकार
- जिप्सम
- नागौर तथा बीकानेर के आसपास के क्षेत्र में इसका जमाव है।
जिप्सम के प्रमुख भंडार
- गोट मांगलोद, नागौर
- धाकोरिया , नागौर
मिट्टी की क्षारीयता जिप्सम का प्रयोग करके दूर की जा सकती है।
3 . रॉक फास्फेट
उत्पादन क्षेत्र
- जामर कोटडा, उदयपुर
- धकन कोटड़ा, उदयपुर
- लाठी सीरीज, जैसलमेर
- बीरमानिया, जैसलमेर
उपयोग
इसका उपयोग अम्लीयता की समस्या दूर करने में किया जाता है।
- पन्ना
- हरि आग या ग्रीन फायर के नाम से प्रसिद्ध।
- लोह सल्फेट के कारण यह हर दिखाई देता है।
प्रमुख क्षेत्र
- कालागुमान क्षेत्र, उदयपुर
- राजगढ़, अजमेर
पन्ना मंडी, उदयपुर में है।
- हीरा
- केसरपुरा, चित्तौड़गढ़
- प्रकृति का कठोर अधातु
- कार्बन का अपररूप
- पूर्णआन्तरिक परावर्तन
6 . एस्बेटॉस
- ऋषभदेव, उदयपुर
- रेशेदार खनिज
- पाईराइट
- सलादीपुर, सीकर
- उर्वरक खनिज
- बेराईट
- उदयपुर
- अलवर
- बेन्टोनाईट
- बाड़मेर (मुल्तानी मिट्टी)
- अभ्रक,
- भीलवाड़ा
- संगमरमर
- राजसमंद, राजनगर
- सफेद संगमरमर, मकराना नागौर
- हरा संगमरमर, उदयपुर
- काला संगमरमर, भेसलाना जयपुर
- कोटा स्टोन, कोटा
- चूना पत्थर, चित्तौड़गढ़ और जैसलमेर
- गुलाबी संगमरमर, जालौर और भरतपुर
- पीला संगमरमर, जैसलमेर
- बदामी संगमरमर, जोधपुर
- सतरंगा संगमरमर, पाली
विविधता की दृष्टि से प्रथम स्थान राजस्थानका है।
राजस्थान खनिजों के अजायबघर के नाम से प्रसिद्ध है।
ऊर्जा संसाधन
ऊर्जा संसाधन के प्रकार
- पारंपरिक ऊर्जा संसाधन
- गैर पारंपरिक ऊर्जा संसाधन
प्रमुख पारंपरिक ऊर्जा संसाधन
- जल विद्युत ऊर्जा
- तापीय ऊर्जा
- प्राकृतिक गैस
- तरल ईंधन
- आणविक ऊर्जा
प्रमुख गैर पारंपरिक ऊर्जा
- सौर ऊर्जा
- पवन ऊर्जा
- बायोमास
- बायोगैस
- भूतापीय ऊर्जा
- बायोडीजल
- ज्वारीय ऊर्जा
पारंपरिक ऊर्जा संसाधन के बारे में
- जल विद्युत
प्रमुख परियोजनाएं
A. भाखड़ा नांगल परियोजना
- राजस्थान, पंजाब तथा हरियाणा की संयुक्त परियोजना।
- सतलज नदी के ऊपर।
B. व्यास परियोजना
- व्यास नदी पर स्थित
- दोहाग और पोंग बांध इसी नदी पर स्थित है।
- राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के संयुक्त परियोजना।
C. माही बजाज सागर परियोजना
- माही नदी पर स्थित
D. चंबल परियोजना
- चंबल नदी पर स्थित
- राजस्थान तथा की मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना।
E. राहु घाट परियोजना
- करौली, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना।
F. अनास परियोजना
- बांसवाड़ा की परियोजना
G. जाखम बिजली परियोजना
तापीय विद्युत
- कोयला, लिग्नाइट आधारित
प्रमुख परियोजनाएं
A. क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट
एक इकाई उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट से अधिक हो।
- सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर प्लांट, श्रीगंगानगर
प्रथम सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट - छबड़ा सुपर थर्मल क्रिटिकल थर्मल
पावर प्रोजेक्ट बांरा
- काली सिंध सुपर थर्मल पावर प्लांट, झालावाड़
- बांसवाड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट, बांसवाड़ा
- झालावाड़ सुपर थर्मल पावरप्लांट, झालावाड़
B. सुपर थर्मल पावर प्लांट
- कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट, कोटा
- कपूरड़ी जालीपा, बाड़मेर
- गिरल, बाड़मेर
- भादेसर, बाड़मेर
- नेवली, बीकानेर
- हाइला, बांसवाड़ा
- कवई, बारा
प्राकृतिक गैस
- रामगढ़ जैसलमेर
- धौलपुर कार्बाइड, धौलपुर
- केशवराय पाटन, बूंदी
- कोटा
- छबड़ा, बारा
तरल ईंधन आधारित परियोजना
- धौलपुर कार्बाइड
- स्थापना - धौलपुर में।
- नेफ्ता आधारित प्रथम योजना
- केशवराय पाटन, बूंदी
- आणविक ऊर्जा आधारित परियोजना
- रावतभाटा, चित्तौड़गढ़
- कनाडा के सहयोग से 1965 में स्थापित परमाणुरिएक्टर।
गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत
सीज
- जैसलमेर बाड़मेर जोधपुर में अक्षय ऊर्जा निगम की स्थापना, जिसको सोलर एनर्जी विंटर प्राइसिंग जॉन कहा जाता है
- मथानिया सोलर पावर प्रोजेक्ट
- जोधपुर में स्थित
- राजस्थान का प्रथम सोलर प्लांट।
- इसकी स्थापना जर्मनी, विश्व बैंक तथा भारत सरकार के द्वारा की गई।
- गौरिक झुंझुनू
- अक्षय ऊर्जा निगम के द्वारा स्थापित।
- अघोरिया, बाड़मेर
- मोकला, जैसलमेर
- खिसवार, नागौर
- धुनिय, जोधपुर
- सौर ऊर्जा संचालित फ्रिज, बालोतरा, जोधपुर
- सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण राजस्थान का पहला गांव - नयागांव, जयपुर
- सौर ऊर्जा से चलित पहला रेलवे स्टेशन - गोरम घाट
- सौर ऊर्जा चालित पहला हवाई अड्डा - सांगानेर, जयपुर
- सौर ऊर्जा चले सबसे बड़ा वाटर हीटर - बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी साइंस, जयपुर
- सौर ऊर्जा से राजस्थान में 1656 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
- सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में राजस्थान का प्रथम स्थान है।
पवन ऊर्जा
- अमर सागर विंड पावर प्रोजेक्ट, जैसलमेर
- सबसे बड़ा पावर प्लांट, धनेतिया प्रतापगढ़
- निजी क्षेत्र का पहला सोलर प्लांट - सोडा बंधन
- बड़ा बाग (जैसलमेर) तथा हसवा तथा देवगढ़ (प्रतापगढ़)
पवन ऊर्जा के मामले में भारत में प्रथम तमिलनाडु है।
राजस्थान पवन ऊर्जा के मामले में दूसरे नंबर पर है।
सौर ऊर्जा चालित नाव पिछोला झील, उदयपुर
बायोमास
- कृषि अपशिष्ट का उपयोग कर बिजली उत्पादन करना।
प्रमुख प्लांट
- पदमपुर, गंगानगर (कृषि आधारित)
- खेड़ली अलवर (सरसों की खल आधारित)
- रंगपुर कोटा (शहरी अपशिष्ट)
- अजमेर (विलायती बबूल)
- बालोतरा (शहरी अपशिष्ट)
- देवली टोंक (कृषि अपशिष्ट)
बायोगैस अथवा गोबर गैस - घरेलू अथवा रसोई में उपयोग हेतु।
सर्वाधिक प्लांट - उदयपुर में।
मुख्य घटक मीथेन।
महत्वपूर्ण तथ्य
- भूतापीय ऊर्जा की संभावना - माउंट आबू
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राजस्थान में कौन-कौन से खनिज निकलते हैं?
- सीसा, जस्ता, चांदी, जिप्सम, सोपस्टोन, बॉल क्ले, कैल्साइट, रॉक फॉस्फेट, फेल्डस्पार, काओलिन, कॉपर, जैस्पर, वोलास्टोनाइट आदि जैसे खनिजों के उत्पादन में राज्य का एकाधिकार है। राज्य को लिग्नाइट, कच्चे तेल और उच्च गुणवत्ता वाली गैस के विशाल संसाधनों पर गर्व है।
राजस्थान में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत क्या है?
- सही उत्तर तापीय ऊर्जा है। तापीय ऊर्जा राजस्थान में ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।
खनिज और ऊर्जा संसाधन क्या है?
- ऊर्जा संसाधनों के विभिन्न रूप उपलब्ध हैं। कुछ नवीकरणीय हैं, जबकि अन्य गैर-नवीकरणीय हैं। खनिज संसाधन गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं जो पृथ्वी की पपड़ी से निकाले जाते हैं; वे प्रकृति में ईंधन या गैर-ईंधन हो सकते हैं। कुछ खनिज कीमती होते हैं, जैसे सोना और हीरा, जबकि अन्य सस्ते होते हैं, जैसे कोयला।
राजस्थान में कुल ऊर्जा उत्पादन कितना है?
- सही उत्तर तापीय है। नवम्बर 2022 तक, राजस्थान की स्थापित बिजली क्षमता 23487.46 मेगावाट है।
राजस्थान में खनिज कितने प्रकार के होते हैं?
- राजस्थान देश में खनिजों की उपलब्धता और विविधता के मामले में सबसे समृद्ध राज्य है और यहाँ लगभग 57 विभिन्न खनिजों का उत्पादन होता है। राजस्थान सीसा और जस्ता अयस्कों, सेलेनाइट और वोलास्टोनाइट का एकमात्र उत्पादक है।
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